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अभद्र व्यवहार से इंसान अपना वजूद खो देता है

अभद्र व्यवहार से इंसान अपना वजूद खो देता है उसे समाज में हीन भावना का सामना करना पड़ता है अपनी खराब परिस्थितियों को से इंसान को हार नहीं मानना चाहिए निरंतर कर्म करने से भाग्य की रेखा में परिवर्तन हो जाता है
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मेरे मुकद्दर ने मुझको ऐसा सजा दिया

मेरे मुकद्दर ने मुझको ऐसा सजा दिया जो हो गया था हासिल मैंने लुटा दिया दर्द किसको सुनाऊं मैं अपने नसीब का मेरे चाहतों की महफिल बर्बाद हो गई

मैं गुलाब की तरह खिल गई

मैं गुलाब की तरह खिल गई मेरे पीछे सब लोग दीवाने हो गए जिसको अपना बनाने की कोशिश में करती रही वह बेगाने हो गए

मोहब्बत से अनजान था

मोहब्बत से अनजान था मुझे आशिक बना दिया आता नहीं था कुछ भी सब कुछ सिखा दिया दिल बेताब रहने लगा है रोग ऐसा लगा दिया

खुद को संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा है

खुद को संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा है इंतजार और करना मुश्किल हो रहा है तुम्हारे प्यार की दुनिया में हर वक्त घूमता हूं न जाने क्या लिखा है मेरे नसीब में

फुर्सत में तेरे इश्क का जाम पीना चाहता हूं

फुर्सत में तेरे इश्क का जाम पीना चाहता हूं जिंदगी को जी भर के जीना चाहता हूं अपना सहयोग देती रहना हमसफ़र बनकर नहीं तो तुम्हारे बिना यह जिंदगी अधूरी रह जाएगी

तुम अगर चाहोगी जिंदगी में खुशियों की बरसात होगी

तुम अगर चाहोगी जिंदगी में खुशियों की बरसात होगी पहली मुलाकात में दोनों जिस तरह अपने दिल की बात कहने को बेकरार थे हर मुलाकात और ज्यादा हसीन होगी तुम्हारे बिना जीना नहीं चाहता हूं दूर होने की बात तुम जो कहोगी अपने हाथों से अपना इंतकाम लिख देंगे