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अभद्र व्यवहार से इंसान अपना वजूद खो देता है

अभद्र व्यवहार से इंसान अपना वजूद खो देता है उसे समाज में हीन भावना का सामना करना पड़ता है अपनी खराब परिस्थितियों को से इंसान को हार नहीं मानना चाहिए निरंतर कर्म करने से भाग्य की रेखा में परिवर्तन हो जाता है

मैं गुलाब की तरह खिल गई

मैं गुलाब की तरह खिल गई मेरे पीछे सब लोग दीवाने हो गए जिसको अपना बनाने की कोशिश में करती रही वह बेगाने हो गए

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खुद को संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा है

खुद को संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा है इंतजार और करना मुश्किल हो रहा है तुम्हारे प्यार की दुनिया में हर वक्त घूमता हूं न जाने क्या लिखा है मेरे नसीब में

मेरे मुकद्दर ने मुझको ऐसा सजा दिया

मेरे मुकद्दर ने मुझको ऐसा सजा दिया जो हो गया था हासिल मैंने लुटा दिया दर्द किसको सुनाऊं मैं अपने नसीब का मेरे चाहतों की महफिल बर्बाद हो गई